Thursday, 27 July 2017

देवघर काँवर यात्रा की महिमा



बाबा बैद्यनाथ की काँवर यात्रा आदि-अनादि काल से चली आ रही है। विश्व के कोने-कोने से बाबा बैद्यनाथ के भक्त प्रत्येक वर्ष की सावन माह में देवघर की काँवर यात्रा करते हैं। देवघर प्रायः वर्ष के प्रत्येक माह में शिवभक्तों से भरा रहता है किंतु,सावन माह में यहाँ शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। देश-विदेश से आए शिवभक्त बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पित करते हैं तथा बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।



बिहार राज्य के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा घाट से यह पावन यात्रा प्रारंभ होती है। यहाँ बाबा अजगैबीनाथ का मंदिर स्थित है, जिनके बारे में उल्लेखित है कि इन्हें बाबा बैद्यनाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त था।
सर्वप्रथम शिवभक्त इस पवित्र गंगाजल में स्नान करते हैं तथा अपने समस्त पापों को धोने की कामना माँ गंगा से करते हैं। इसके पश्चात वे अपने दो पात्रों में गंगाजल भरते हैं तथा संकल्प लेते हैं कि वे इस जल को बाबा बैद्यनाथ तथा बाबा बासुकीनाथ को निश्चित रूप से अर्पित करेंगे। इसी के साथ शिवभक्त काँवर में अपने दोनों पात्रों को बाँधकर कांवरिया का रूप धारण कर लेते हैं तथा यहीं से शुरू होती है देवघर की पावन काँवर यात्रा...

सुल्तानगंज से देवघर की कुल 105 कि.मी. की दूरी कांवरिया पैदल ही कई प्रकार की कठिनाइयों को सहते हुए तय करते हैं। "डाक बम" अपनी यात्रा 24 घंटे के अंदर पूरी करने को संकल्पित रहते हैं। ये मार्ग में कही विश्राम नही करते है और न कभी रुकते हैं।इसी प्रकार "ताड़क(सामान्य) बम" अपनी यात्रा 4 से 5 दिनों में पूरी करते हैं। सबसे कठिन यात्रा "दांडी बम" की होती है, ये जमीन पर लेटकर प्रणाम करते हुए इतनी लंबी दूरी तय करते हैं। इन्हें अपनी यात्रा पूरी करने में महीनों लग जाते हैं।

इस मार्ग में आप लाखों कांवरियों(बच्चे, बूढ़े, निःशक्त, दिव्यांग शिवभक्त) को केसरिया वस्त्र धारण कर तथा "बोल बम" के नारे के साथ काँवर लेकर बढ़ते हुए देख सकते हैं। पूरा मार्ग शिवमय हो जाता है। स्कन्द पुराण में वर्णन है कि जो नर-नारी अपने कंधे पर काँवर रखकर "बम बम" का उच्चारण करते हुए देवघर की यात्रा करते हैं उन्हें अश्वमेघ यज्ञ का पुण्य प्राप्त होता है। शिव पुराण में उल्लेख है कि बाबा भोलेनाथ धूप,दीप, नैवेध से उतने प्रसन्न नही होते हैं जितना काँवर जल के अभिषेक से प्रसन्न होते हैं।
पुराणों में वर्णन है कि राज्याभिषेक के पश्चात भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता एवं तीनो भाइयों सहित देवघर आए थे। उन्होंने उत्तरवाहिनी गंगा जल से बाबा का अभिषेक किया था।

   ◆ बाबा बैद्यनाथ समस्त प्राणियों का कल्याण करें। ◆
                                ★ बोल बम ★



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